शुभ નવરાત્રી
Chaitra Navratri 2022
चैत्र नवरात्रि आज से शुरू है कुछ लिखे का प्रयास कर रहा हूँ.
माँ बोल कर जब मैं चलना सीखा, नहीं कभी फिर रुकना सीखा. तू ही पालन, तू ही पोषण, तू जो दे जीने को दर्पण.
तुझी मैं अर्पण, हैं सारे दर्शन, मन से दर्शन तो तू है अर्पण.
अस्तक - मस्तक - नतमस्तक
चैत्र नवरात्रि आज से शुरू है कुछ लिखे का प्रयास कर रहा हूँ.
माँ बोल कर जब मैं चलना सीखा, नहीं कभी फिर रुकना सीखा. तू ही पालन, तू ही पोषण, तू जो दे जीने को दर्पण.
तुझी मैं अर्पण, हैं सारे दर्शन, मन से दर्शन तो तू है अर्पण.
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