जन्माष्टमी का यह पावन पर्व, भगवान श्री कृष्ण के दिव्य जन्म का उत्सव है। यह दिन हमें उनके जीवन, उनकी लीलाओं और उनके द्वारा दिए गए प्रेम, धर्म और कर्म के संदेश की याद दिलाता है।
श्री कृष्ण, जो कभी माखन चुराकर अपनी बाल लीलाओं से सभी का मन मोह लेते हैं, तो कभी कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का सार समझाकर जीवन का मर्म बताते हैं। उनका हर रूप मनमोहक और प्रेरणादायक है।
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।
भगवान श्री कृष्ण की कृपा आप और आपके परिवार पर सदैव बनी रहे। आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो।
जन्माष्टमी की बहुत-बहुत बधाई!